
पहेलियाँ
1.
आसमान से आकर तुम्हें भिगाती,
जंगल खेत हरे बनाती,
किंतु ज्यादा आ जाऊँ तो,
बहुत भारी तबाही मचाती।
2.
हर जगह मैं रहती हूँ,
फिर भी मुझको देख ना पाओगे,
बहुत जरूरी चीज हूँ,
बिन मेरे जी ना पाओगे।
3.
चार पाँव होते हैं मेरे,
फिर भी चलती नहीं हूँ मैं,
और कुछ ना सही,
आराम तो देती हूँ मैं।
4.
बीमार नहीं हूँ,
फिर भी लेती हूँ गोली,
उगल दूँ गोली,
तो कर दूँ अनहोनी।
5.
कमर कसकर रोज सवेरे
चलाते हो मुझे,
तभी तो अपने घर को
साफ बनाते हो तुम।
6.
कपड़े पर कपड़ा,
परत पर परत,
हूँ खाने की चीज,
पर काटते समय रो।
7.
सुबह आता शाम को जाता,
दिन भर हमें राह दिखाता,
इसकी ऊर्जा के बल बूते ही,
धरती पर जीवन चल पाता।
8.
वैसे तो हूँ मैं हरी,
लेकिन रंग होता है लाल,
महिलाओं की चहेती,
सुंदर बनाऊँ उनके हाथ।
9.
बना था मैं बातों के लिए,
करता अब बहुत से काम,
मम्मी कहती रहतीं तुमसे,
थोड़ी देर दो मुझे आराम।
10.
उँगलियाँ हैं पाँच मेरी,
किंतु हाथ नहीं हूँ,
पहन लो मुझे तो,
ठंड से बचा लेता हूँ।
उत्तर
1. बारिश
2. हवा, ऑक्सीजन
3. कुर्सी, चारपाई
अगर आपने बेड या स्टूल सोचा तो वह पुल्लिंग हैं जबकि प्रश्न स्त्रीलिंग में है।
4. बंदूक, पिस्तौल, रिवॉल्वर
5. झाड़ू, पोंछा, मॉप, वैक्यूम क्लीनर
6. प्याज
7. सूरज
8. मेहंदी
9. मोबाईल
10. दस्ताने, ग्लॅव्स