
पहेलियाँ
1. छुट्टियाँ मनाने का प्रोग्राम बने तो इला, यचीन्द्र के साथ ही जाना पसंद करती है।
2. गोरी देख वो आगे आयो, गोरी गयी लजाय। फल मिल गओ चोखो, जब चपत दई लगाए।
3. फीरोजा वित्री गणित की बड़ी से बड़ी समस्याओं को चुटकी में हल कर लेती थीं।
4. पिताजी राहगीरों से आँखें मिलने पर मुस्कुराते जरूर हैं।
5. पानी की बहुतायत से बनी धुंध नियाग्रा जलप्रपात की खासियत है।
6. परमपिता परमात्मा सर्वव्यापी पल-पल का हिसाब रखते हैं।
7. महोदय, कृपया ज्यादा चतुराई न दिखाएं।
8. सावन रहा है बीत, तरसें धान के खेत; इंद्र देवता रहम करो अब, किसान माँग रहा भीख!
9. बारिश होने से परसों ठण्ड बढ़ गई थी थोड़ी।
10. महाराणा प्रताप के चेतक के सम्मान में हल्दीघाटी में अश्व मेले का आयोजन होता है।
उत्तर
1. छुट्टियाँ मनाने का प्रोग्राम बने तो इला, यचीन्द्र के साथ ही जाना पसंद करती है।
2. गोरी देख वो आगे आयो, गोरी गयी लजाय। फल मिल गओ चोखो, जब चपत दई लगाए।
3. फीरोजा वित्री गणित की बड़ी से बड़ी समस्याओं को चुटकी में हल कर लेती थीं।
4. पिताजी राहगीरों से आँखें मिलने पर मुस्कुराते जरूर हैं।
5. पानी कि बहुतायत से बनी धुंध नियाग्रा जलप्रपात की खासियत है।
6. परमपिता परमात्मा सर्वव्यापी पल-पल का हिसाब रखते हैं।
7. महोदय, कृपया ज्यादा चतुराई न दिखाएं।
8. सावन रहा है बीत, तरसें धान के खेत; इंद्र देवता रहम करो अब, किसान माँग रहा भीख!
9. बारिश होने से परसों ठण्ड बढ़ गई थी थोड़ी।
10. महाराणा प्रताप के चेतक के सम्मान में हल्दीघाटी में अश्व मेले का आयोजन होता है।