
पहेलियाँ
1. परेड में बूटों की खड़-खड़ ताल में लगती है।
2. यह गंगाजल तरंग गोमुख से लाया है।
3. ठंड मरुभूमि में अधिक पड़ती है।
4. रमेश बेटा, ढो लकड़ियाँ आज तो।
5. उनका पता शायद नहीं है मेरे पास।
6. इस शहर में गरीबी नहीं है बिल्कुल।
7. तुम शक के आधार पर अपराधी नहीं बता सकते।
8. नमक का दरोगा मुंशी वंशीधर की कहानी है।
9. अमीर खुसरो दकियानूसी नहीं थे।
10. निशात बाग इंद्रधनुष सा रंगीन लगता है।
उत्तर
1. परेड में बूटों की खड़- खड़ ताल में लगती है।
2. यह गंगाजल तरंग गोमुख से लाया है।
3. ठंड मरुभूमि में अधिक पड़ती है।
4. रमेश बेटा, ढो लकड़ियाँ आज तो।
5. उनका पता शायद नहीं है मेरे पास।
6. इस शहर में गरीबी नहीं है बिल्कुल।
7. तुम शक के आधार पर अपराधी नहीं बता सकते।
8. नमक का दरोगा मुंशी वंशी धर की कहानी है।
9. अमीर खुसरो दकियानूसी नहीं थे।
10. निशात बाग इंद्रधनुष सा रंगीन लगता है।